14 सांसदों के निलंबन पर विपक्षी सांसदों ने संसद परिसर में गांधी प्रतिमा के सामने प्रदर्शन किया। वहीं, सस्पेंड 14 सांसदों ने भी सदन के बाहर प्रोटेस्ट किया। इनसे सोनिया गांधी मिलने पहुंचीं।
संसद की सुरक्षा में चूक मामले पर सत्र के 10वें दिन (15 दिसंबर) दोनों सदनों में कामकाज ठप रहा। विपक्षी दलों ने लगातार दूसरे दिन लोकसभा और राज्यसभा में हंगामा किया। विपक्ष ने गृह मंत्री अमित शाह के सदन में बयान और इस्तीफे की मांग की।
दोनों सदनों की कार्यवाही सुबह 11 बजे शुरू हुई। स्पीकर ओम बिड़ला जैसे ही कुर्सी पर बैठे, हंगामा शुरू हो गया। विपक्ष के सांसद वेल तक पहुंच गए। हंगामे के चलते लोकसभा 11.02 बजे और राज्यसभा 11.09 मिनट पर 2 बजे तक के लिए स्थगित हो गई। जब 2 बजे दोनों सदनों में कार्यवाही शुरू हुई तो फिर हंगामा हुआ। इसके बाद कार्यवाही सोमवार 18 दिसंबर तक स्थगित कर दी गई।
इससे पहले, शुक्रवार को सदन के बाहर गांधी प्रतिमा के सामने विपक्ष के 14 निलंबित सांसदों (13 लोकसभा और 1 राज्यसभा) ने प्रदर्शन किया। इनका कहना था कि दोनों सदनों में विपक्ष की आवाज को दबाया जा रहा है। सोनिया गांधी ने इन सांसदों से मुलाकात की।
संसद के मकर द्वार पर 14 निलंबित सांसदों से सोनिया गांधी मिलने पहुंची।
JDU सांसद ललन सिंह ने 14 दिसंबर को कहा था- अगर संसद में घुसने वाले अगर मुसलमान होते तो ये लोग (BJP) देश-दुनिया में तूफान मचाते। उसी के नाम ये लोग देश में उन्माद मचा देते। अगर कांग्रेस के सांसद की अनुशंसा पर आए विजिटर्स ने ऐसा किया तो देखते कि इनका रवैया क्या होता।
किसने क्या कहा?
- कनिमोझी (DMK): भाजपा बार-बार कह रही है कि केवल वे ही हैं, जो देश की रक्षा कर सकते हैं, लेकिन वे संसद की भी रक्षा नहीं कर पा रहे। प्रधानमंत्री वहां अंदर हो सकते थे। संसद में वे अपने ही प्रधानमंत्री की रक्षा नहीं कर सके और फिर कह रहे हैं कि हम इस मुद्दे का राजनीतीकरण कर रहे हैं…। जो कुछ भी हुआ, उसके लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए।
- मनिकम टैगोर (कांग्रेस): भारत गठबंधन के सभी सांसद एकजुट हैं और कल हम सभी को अलोकतांत्रिक तरीके से निलंबित कर दिया गया। हम गांधी प्रतिमा के सामने मौन प्रदर्शन कर रहे हैं। विरोध जारी रखेंगे।
- राजीव शुक्ला (कांग्रेस): संसद सदस्यों को निलंबित किया जा रहा है और सदन छोड़ने के लिए कहा जा रहा है। अब विपक्ष के पास क्या बचा है? लोग सदन में बोलने के लिए विपक्ष को चुनते हैं।
- प्रह्लाद जोशी (संसदीय कार्य मंत्री): स्पीकर ने जो भी निर्देश दिए हैं, सरकार उनका अक्षरश: पालन कर रही है। मामला कोर्ट में भी है, हाईलेवल जांच चल रही है। विपक्ष को जिम्मेदारीपूर्वक व्यवहार करना चाहिए।
गांधी प्रतिमा के सामने शुक्रवार को विपक्ष ने प्रदर्शन किया।
कांग्रेस के 9 सांसद समेत 14 सांसद सस्पेंड हुए थे
संसद की सुरक्षा चूक पर गुरुवार 14 दिसंबर को भी दिनभर सदन में हंगामा हुआ था। लोकसभा और राज्यसभा से विपक्ष के 14 सांसदों को पूरे सत्र के लिए सस्पेंड कर दिया गया। इनमें 13 लोकसभा सांसद हैं, जिनमें कांग्रेस के 9, CPI (M) के 2, DMK और CPI के एक-एक सांसद हैं। राज्यसभा से TMC सांसद डेरेक ओ’ ब्रायन को पूरे सत्र के लिए सस्पेंड कर दिया गया।
राज्यसभा स्पीकर जगदीप धनखड़ से TMC सांसद डेरेक ओ’ब्रायन को पूरे सत्र से सस्पेंड कर दिया। इसके विरोध में डेरेक ने संसद के बाहर मौन व्रत रखकर प्रदर्शन किया।
शीतकालीन सत्र की पिछले 9 दिन की कार्यवाही में क्या-क्या हुआ…
- पहले दिन- PM मोदी बोले- पराजय का गुस्सा सदन में न निकालें: संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार 4 दिसंबर से शुरू हुआ। लोकसभा में PM नरेंद्र मोदी के पहुंचते ही NDA के सांसदों ने उनका जोरदार स्वागत किया था। सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष से कहा था- बाहर मिली पराजय का गुस्सा सदन में मत निकालिए। .
- दूसरे दिन- DMK नेता के गोमूत्र स्टेट्स वाले बयान पर हंगामा, बाहर आकर माफी मांगी: दूसरे दिन (5 दिसंबर) लोकसभा में गृहमंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर आरक्षण संशोधन बिल पेश किया था। चर्चा के दौरान धर्मपुरी से DMK सांसद डॉ. सेंथिल कुमार ने कहा था कि भाजपा की ताकत केवल हिंदी बेल्ट के उन राज्यों को जीतने में ही है, जिन्हें हम आमतौर पर गोमूत्र राज्य कहते हैं। हंगामा बढ़ने के बाद रिकॉर्ड से यह बयान हटा दिया गया था।
- तीसरे दिन- अमित शाह ने लोकसभा में नेहरू की चिट्ठी पढ़ी: तीसरे दिन (6 दिसंबर) को लोकसभा में जम्मू-कश्मीर आरक्षण (संशोधन) बिल और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) बिल पास हो गए थे। सदन में चर्चा के दौरान अमित शाह ने जवाहर लाल नेहरू को कोट किया था। गृह मंत्री ने कहा- ‘नेहरू ने शेख अब्दुल्ला को लिखा था कि कश्मीर मुद्दा यूएन ले जाना गलती थी।’
- चौथे दिन- भाजपा के रमेश बिधूड़ी ने माफी मांगी; राज्यसभा में धनखड़ ने जताया दुख: चौथे दिन (7 दिसंबर) को लोकसभा में सेंट्रल यूनिवर्सिटी अमेंडमेंट बिल 2023 पास हो गया था। इस बीच, भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी ने संसदीय समिति से माफी मांगी थी। विशेष सत्र के दौरान में बिधूड़ी ने सपा सांसद दानिश अली पर अपमानजनक टिप्पणी की थी। उधर, राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ ने वायरल वीडियो पर दुख जताया था।
- पांचवे दिन- लोकसभा से TMC सांसद महुआ मोइत्रा का निष्कासन: संसद के पांचवें दिन महुआ मोइत्रा पर पैसे लेकर सवाल पूछने के आरोप में पहले एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट और फिर निष्कासन प्रस्ताव पेश हुआ। वोटिंग के बाद महुआ की लोकसभा से सदस्यता रद्द होग गई।हालांकि महुआ के खिलाफ सदन में वोटिंग शुरू होते ही विपक्ष ने बॉयकॉट कर दिया था।
- छठे दिन- जम्मू-कश्मीर आरक्षण और पुनर्गठन संशोधन बिल राज्यसभा से पास: गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर आरक्षण (संशोधन) और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक 2023 पेश किए। इसी दिन सुप्रीम कोर्ट ने 370 हटाने के खिलाफ लगी याचिकाओं पर फैसला सुनाया, जिस पर विपक्ष ने दोनों सदन में हंगामा किया। राज्यसभा से वॉकआउट कर गया। इसके बाद बिलों पर वोटिंग हुई और दोनों बिल राज्यसभा से भी पास हो गए। .
- सातवें दिन- मुख्य चुनाव आयुक्त-चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति, सेवा शर्तों से जुड़े बिल राज्यसभा से पास: राज्यसभा से मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) और अन्य चुनाव आयुक्तों (ECs) से नियुक्ति से जुड़ा बिल पास हो गया। कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने यह बिल पेश किया था। इसे चुनाव आयोग (चुनाव आयुक्तों की सेवा की शर्तें और कामकाज का संचालन) अधिनियम, 1991 की जगह लाया गया है।
- आठवें दिन- संसद हमले की 22वीं बरसी पर सुरक्षा चूक, विजिटर्स गैलरी से 2 लोग लोकसभा में कूदे: संसद पर आतंकी हमले की 22वीं बरसी पर सदन में विजिटर्स गैलरी से 2 युवक अचानक नीचे कूद गए। उन्होंने सदन में स्प्रे किया, जिससे पीला धुआं फैलने लगा। पुलिस ने दो महिला सहित 5 लोगों को गिरफ्तार किया। लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने जांच के आदेश दिए हैं।
लोकसभा की कार्यवाही में घुसा शख्स सीटों पर भी कूदा। इससे सदन में अफरा-तफरी मच गई
- नौवां दिन- लोकसभा से 13, राज्यसभा से एक सांसद पूरे सत्र के लिए सस्पेंड: संसद की सुरक्षा में चूक मामले को लेकर विपक्ष ने दोनों सदनों में हंगामा किया। जिसके कारण लोकसभा से विपक्षी पार्टियों के 14 और राज्यसभा से एक सांसद को पूरे सत्र के लिए सस्पेंड कर दिया गया। बाद में विपक्ष ने कहा कि सस्पेंड हुए DMK सांसद एसआर पार्थिबन संसद आए ही नहीं थे। फिर भी उन्हें सस्पेंड किया गया। इसके बाद पार्थिबन का नाम सस्पेंड किए गए सांसदों की सूची से वापस ले लिया गया।